HINDIपरमात्मा अगर वासना के विपरीत होता तो वासना होती ही नहीं।Rajesh Ramdev RamJune 9, 2017September 5, 2023 by Rajesh Ramdev RamJune 9, 2017September 5, 202301926 एक ही सीढ़ी के दो छोर: जैसे बीज और वृक्ष; जैसे अंडा और मुर्गी। वासना ही एक दिन पंख पा लेती है इसलिए मेरे मन...